पत्र और पत्रकार के विश्वास पर संकट वाले दौर में इस कलमकार की कहानी पढ़ें, आनंद आएगा…
उस शख्स के पिता सत्तारूढ़ दल के विधानपार्षद थे और उस शख्स की कलम उसी पार्टी और सत्ता के खिलाफ आग उगलती रही। कई बार धमकियां भी मिलीं पर आजाद कलम ने थमने की जगह और रफ्तार पकड़ ली। जेल की बंदिनी पर स्पेशल रिपोर्ट जब पत्रिका ने छापने से मना कर दिया तो देश