नीली आंखें, बेतरतीब बाल और होठों पर गाना गुनगुनाते ये हैं एआई सिंगर ‘बेन गाया’. बेनगाया और उनकी जुबां से बजने वाली धुनों को पूरी तरह से एआई की मदद से बनाया गया है. इतना ही नहीं बेन गाया सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर स्टार बन चुके हैं.
अब एआई रॉक एवं पॉपस्टार भी
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) अब हर क्षेत्र में इंसानों की नकल करता नजर आ रहा है. कंटेंट क्रिएशन से लेकर अलेक्सा कॉलिंग, ऑटो ड्राइविंग, एआई एंकरिंग आदि आदि. अब एआई रॉक एवं पॉपस्टार भी है.
बनाने में सिर्फ एआई टूल्स का इस्तेमाल
बेन गाया को बनाने वाले फ्लोरियान शामबेर्गर कहते हैं, कि यह एआई टूल्स से संभव है. बेनगाया को जर्मन शहर ब्रेमन की एक एजेंसी ने बनाया है. इसे पूरी तरह से एआई की मदद से बनाया गया है.
भविष्य में संगीतकारों को कितना खतरा?
भविष्य में एआई और ज्यादा हमारी जिंदगी का हिस्सा बनेगा. अब वर्चुअल मॉडल्स और वर्चुअल इंफ्लुएंसर के लोग आदि हो रहे हैं. ऐसे में सबसे गंभीर सवाल यह उठता है कि क्या भविष्य में एआई के जरिए ही म्यूजिक प्रोड्यूस किए जाएंगे. क्या यह संगीतकारों पर हावी होगा?
क्या कर सकता है एआई सिंगर?
इसके जवाब में म्यूजिक टेक जर्मनी के प्रेसिडेंट माथियाज स्ट्रोबेल कहते हैं, इंसान को अनोखा बनाती है उसकी महसूस करने की क्षमता, जो एआई में नहीं है. अपनी अनुभव से संगीत रचने का हुनर. आपको समझना होगा कि एआई ऐसा नहीं कर सकता है. एआई उसी पर काम कर सकता है, जो उसे दिया जाए. वो आजाद होकर चीजें विकसित नहीं कर सकता है. और मौलिक विचारों के साथ नहीं आ सकता है. ऐसा सिर्फ इंसान कर सकते हैं और इसलिए वे हमेशा एआई पर भारी पड़ेंगे.
2024 में पहली बार स्टेज पर उतरे ‘बेन गाया’
जुलाई 2024 में बेन गाया पहली बार वर्चुअल स्टेज पर उतरे. उनका पहला गाना सन साइन सोल इंस्टाग्राम पर अपलोड किया गया, जिसे एक मीलियन से ज्यादा व्यूज मिले.
Text input से डिजाइनिंग संभव
बेनगाया के डिजाइनर कहते हैं कि ये सब टेक्स्ट इनपुट से किया गया है. चाहे एआई पॉपस्टार की वेशभूषा हो या फिर बैकग्राउंड, हम जैसा चाहेंगे वैसे बदल सकते हैं. जानकार कहते हैं कि एआई टूल्स वही कर पा रहा है, जो हम चाह रहे हैं. बिना इंसानों के वे कुछ भी नहीं कर सकते हैं. इसलिए ऐसी तकनीकों पर हमेशा इंसानी समझ ही हावी रहेगा.
आपकी जानकारी के लिए
आपकी जानकारी के लिए यहां यह बताना जरूरी है कि एआई अल्गोरिदम का उपयोग करके संगीत बनाना संभव हो पाया है, जिसे एआई म्यूजिक कहते हैं. वहीं एआई सिंगर्स को ऐसे समझा जा सकता है कि एआई तकनीक का उपयोग करके सिंगर्स की आवाज़ को नकल करना और नए गानों का निर्माण करना.