भारत की अंक तालिका में सोना और चांदी का कॉलम में शून्य अच्छा नहीं लग रहा. पेरिस से आने वाली हर खबर का बेसब्री से इंतजार. तारीख 07 अगस्त, 2024. 50 किलोग्राम वर्ग फाइनल में भारतीय पहलवान विनेश फोगाट स्वर्ण पदक के लिए फाइनल मुकाबला खेलने वाली थीं. हर भारतीय को उम्मीद थी फोगाट जरूर गोल्ड लाएगी. तभी पेरिस से जो खबर आई, उससे करोड़ों भारतीय का दिल टूट गया. खबर थी- विनेश फोगाट ओलंपिक से अयोग्य घोषित हो गई हैं. वह भी महज 100 ग्राम वजन ज्यादा होने की वजह से. इस खबर के बाद सोशल मीडिया के साथ ही मेन स्ट्रीम मीडिया में भी बहस छिड़ गई.
साजिश… बहस और गोल्डेन बिटिया!
बहस ओलंपिक के तौर-तरीकों को लेकर भी. बहस पिछले साल कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली विनेश फोगाट और उनके साथियों के हार न मानने वाले प्रदर्शन को लेकर भी. बहस इस बात की भी कि देश का बड़ा तबका जहां एक सोने के लिए ओलंपिक की तरफ हसरत भरी निगाहों से देख रहा हो, वैसे में इस तरह से विनेश का डिस्क्वालिफाई कर दिया जाना कहीं साजिश तो नहीं. बहस इस बात की, किस मुंह से गोल्डेन बिटिया को सोने के लिए बधाई देंगे वे लोग, जो उनके प्रदर्शन पर चुप बैठे थे.
माइलस्टोन हैं विनेश फोगाट
जिंदगी जिंदाबाद के कॉलम में आप पढ़ रहे हैं कहानी भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट की. कैसे छोटे से गांव से निकलकर धूल-माटी में चुनौतियों को पटखनी देते हुए दिल्ली के जंतर-मंतर के रास्ते राजनीति को ठेंगा दिखाते हुए पेरिस ओलंपिक के फाइनल में कैसे पहुंचा जाता, फोगाट की कहानी एक माइलस्टोन है.
गांव से निकलकर ओलंपिक तक का सफर
विनेश फोगाट हरियाणा के छोटे से गांव चरखी दादरी की रहने वाली हैं. उनके परिवार में कई पहलवान हैं और उनके पिता राजपाल फोगाट खुद एक पहलवान थे. उनकी दो चचेरी बहनें गीता और बबिता कॉमनवेल्थ गेम में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं. उनके गांव में लड़कियों का पहलवान बनना अच्छा नहीं माना जाता था, लेकिन उनके चाचा और पिता ने समुदाय के खिलाफ जाकर अपनी बेटियों को पहलवानी सिखाई और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलवाई. बचपन से ही सीखे पहलवानी के दावपेंच विनेश फोगाट ने देश के लिए कई मैच खेले और पदक जीतकर आईं.
देश के लिए जीत चुकी हैं कई मेडल
29 साल की विनेश फोगाट ने बचपन से ही पहलवानी के दांव-पेंच सीखें और देश को एशियन गेम्स 2018 में देश के लिए सोना जीता. इसके अलावा उन्होंने 2014 में 48 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीता था. वर्ल्ड चैंपियनशिप में विनेश फोगाट ने 2022 और 2019 में देश के लिए कांस्य पदक जीता था. यह दोनों पदक उन्होंने 53 किलोग्राम वर्ग के मुकाबले में हासिल किया था. कॉमनवेल्थ गेम्स 2014 में उन्हें 48 किलोग्राम, 2018 में 50 किलोग्राम और 2022 में 53 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक मिला था.
विनेश ने की है प्रेम विवाह
विनेश फोगाट की शादी 13 दिसंबर 2018 में उनके पुराने दोस्त सोमवीर राठी से हुई है. सोमवीर राठी भी हरियाणा के ही रहने वाले हैं. दोनों ने एक दूसरे को काफी समय तक डेट किया था और उसके बाद दोनों ने शादी कर ली. सोमवीर राठी ने भी राष्ट्रीय मुकाबलों में स्वर्ण पदक जीता है. विनेश और सोमवीर रेलवे के कर्मचारी हैं.
कुश्ती से संन्यास का ऐलान
पेरिस ओलंपिक से अयोग्य घोषित होने के बाद निराश और दुखी भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने गुरुवार को कुश्ती से संन्यास की घोषणा कर दी. उन्होंने एक्स पर लिखा, “माँ कुश्ती मेरे से जीत गई मैं हार गई. माफ़ करना आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके. इससे ज़्यादा ताक़त नहीं रही अब. अलविदा कुश्ती 2001-2024. आप सबकी हमेशा ऋणी रहूँगी. माफी.” विनेश भले ही ओलंपिक का सोना जीतने से चूक गई, लेकिन उन्होंने पूरा देश का दिल जीत लिया है. किसे याद नहीं है दिल्ली के जंतर-मंतर पर फोगाट पर पुलिस के द्वारा बल प्रयोग, किसे याद नहीं है उनका सड़कों पर घसीटा जाना. किसे याद नहीं है बारिश में भीगते हुए हक के लिए आवाज उठाना. सब याद है. सोना आए या न आए, ऐसे हौसलों का जिंदा रहना जरूरी है.