दिहाड़ी मजदूरी की..ठेले पर फल बेचा..फिर क्या हुआ जो एक शख्स इंसान से बन गया लंगूर

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इंसान से लंगूर बने ये हैं गुजरात के भावनगर के रहने वाले जैकी वाधवानी. लंगूर जैसी वेशभूषा. बंदर जैसी चिचियाने की आवाज. ठीक वैसी ही हरकत जैसे बंदरों की होती है. क्षणभर में कहीं भी उछलकर बैठ जाना. अचानक नजर पड़ जाए तो हड़कंप मच जाए. द बिग पोस्ट में आज कहानी उस मजबूरी की, जिसके बाद न सिर्फ जैकी के परिवार का चूल्हा सीधा हुआ, बल्कि आज उन्हें पूरा देश जानता है.

हमने कई मंकीमैन देखे हैं. मैन माने सनीमा भी. और मंकीमैन पर सनीमा भी बना है. लेकिन ये वाला मंकी मैन अलग है. ये वेशभूषा मजबूरी में अपनाई गई. कहानी कुछ ऐसी है कि जैकी वाधवानी 14 साल पहले जीवन यापन के लिए दिहाड़ी मजदूरी किया करते थे.

अतरंगी मिजाज के पहले भी दीवाने थे लोग

इतनी भी कमाई नहीं हो पाती थी कि घर परिवार चल सके. फिर उन्होंने ठेला लगाकर फल बेचना शुरू किया. कमाई से बामुश्किल दैनिक जरूरतें पूरी हो पाती थीं. कमाई माने रोज के ढाई सौ भी ठीक से नहीं. जैकी की कमाई ठीक भले ही नहीं हो पा रही थी, लेकिन उनके अतरंगी मिजाज के कारण लोग उनसे काफी खुश रहते थे.

दोस्त ने सलाह दी, ‘मंकी’ बन जाओ

जैकी की हालत देखकर एक दिन उनके एक दोस्त ने ऐसी सलाह दी, जिससे उनकी जिंदगी ही बदल गई. उनके दोस्त ने कहा, तुम मंकीमैन क्यों नहीं बन जाते. तुम्हारा हुलिया और अंदाज लोगों को काफी पसंद आता है. इसे ट्राई करो. इसे शुरू करने में जिन सामानों की जरूरत पड़ती है, जैकी के दोस्त ने देने का वादा किया. जैकी ने इसे घर वालों से साझा किया तो कोई भी सदस्य राजी न हुआ.

रथयात्रा में पहली बार किया परफॉर्म

लेकिन जैकी ने नजरअंदाज करके इसे शुरू किया. पांच दिन बाद ही भावनगर में रथयात्रा थी. मंकीमैन के गेटअप में भावनगर के लोगों ने पहली बार किसी इंसान को सामने से देखा था. जैकी को यहीं से शुरुआती पहचान मिली. फिर वही हुआ, जिसकी उम्मीद थी. जैकी लोगों को मंकीमैन के रूप में खूब पसंद आए. अब शादी-ब्याह, पार्टी, जन्मदिन जैसे कार्यक्रमों के लिए मंकीमैन का खूब क्रेज है.

मैं अपने माता-पिता औऱ बहन के साथ रहता हूं. मेरे पिता मजदूरी करते हैं.  पिछले 10 साल से मैं इस पेशे में हूं और घर की जिम्मेदारी मेरे ऊपर है. मैं मंकी मैन का किरदार निभाता हूं, जो पार्टी, जन्मदिन और विवाह समारोह जैसे आयोजनों में हर उम्र के लोगों को एंटरटेन करता है.– जैकी वाधवानी, मंकीमैन

बच्चों को डराने के लिए लोग बुलाते हैं

जैकी आठवीं कक्षा तक पढ़े हैं. उनके पिता मजदूरी करते हैं. वह कहते हैं कि लोग उनके इस पेशे को खूब सम्मान देते हैं. पहले तो बच्चों के परिजन बच्चों को डराने के लिए भी उन्हें बुलाते थे. बच्चे शुरुआत में डरते थे, लेकिन अब वे आसानी से दोस्त बन जाते हैं.

जैकी का सेलिब्रेटी बनने का सपना

कमाई के बारे में जैकी बताते हैं कि गुजरात में परफॉर्म करने के लिए वे 5 से 6 हजार रुपए चार्ज करते हैं, जबकि गुजरात से बाहर परफॉर्म करने की फीस लगभग दोगुनी हो जाती है. मेरा एक्ट लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला रहा है, यह जानकर मैं काफी खुश हूं. जैकी का सपना सेलिब्रेटी बनने का है और उन्हें उम्मीद है यह सपना जरूर साकार होगा.

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