वैलेंटाइन वीक आ चुका है। प्रेम की मादक मिठास हवा में घुलने लगी है। हर कोई अपने प्रिय से अपने प्यार का इजहार कर रहा है— कोई गुलाब देकर अपने इश्क पर फना हो जाना चाहता है तो कोई , तो कोई अपने प्रेम जज़्बातों को शब्दों में पिरोकर प्यार के इन लम्हे को अमर कर देना चाहता है ।
लेकिन इस प्यार के मौसम में एक रिश्ता अक्सर नज़र अंदाज़ हो जाता है वो है हमारा खुद से खुद का रिश्ता।
क्या हमने कभी खुद से कहा है, “
I LOVE U “ ?
क्या हम खुद को वैसे ही अपनाते हैं, जैसे हम दूसरों को अपनाने की चाह रखते हैं ? शायद नहीं। कभी नहीं।
हम अक्सर अपनी कमियों पर ध्यान देते हैं, खुद की आलोचना करते हैं, और खुद को उतना महत्व नहीं देते जितना दूसरों को देते हैं। लेकिन इस वैलेंटाइन क्यों न अपने लिए समय निकालें और खुद से एक वादा करें— यह वादा हो खुद से प्यार करने का, खुद को अपनाने का, खुद की सराहना करने का।
क्यों जरूरी है खुद से प्रेम ?
हम जीवनभर दूसरों की पसंद, उनकी स्वीकृति और उनके प्रेम को पाने की कोशिश में लगे रहते हैं। लेकिन जब तक हम खुद को नहीं अपनाते, तब तक कोई भी बाहरी प्रेम हमें पूर्ण नहीं कर सकता। खुद से प्रेम आत्म-सम्मान की नींव रखता है। यह हमें आत्मविश्वास देता है, खुशी का एहसास कराता है और कठिन परिस्थितियों में हमें मजबूत बनाए रखता है।
जब हम खुद से प्रेम करते हैं, तो हम खुद को किसी शर्त के बिना स्वीकारते हैं— अपनी अच्छाइयों के साथ, अपनी कमजोरियों के साथ, अपनी असफलताओं और सफलताओं के साथ। यह स्वीकृति हमें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाती है।
खुद से प्रेम करने के तरीके
आईने के सामने खड़े होकर खुद से कहें— “आई लव यू”
पहली बार यह अजीब लग सकता है, लेकिन जब आप इसे रोज़ कहेंगे, तो आपको खुद से एक गहरा जुड़ाव महसूस होगा।
अपनी गलतियों को करें माफ
हम सब गलतियां करते हैं, लेकिन खुद को दोषी ठहराने के बजाय, खुद को माफ करें और आगे बढ़ें।
खुद को सराहें
आपको किसी और जैसा बनने की जरूरत नहीं है। आप जैसे हैं, वैसे ही अनमोल हैं। अपनी खूबियों को पहचानें और उनका जश्न मनाएं।
अपने लिए निकालें समय
दूसरों की देखभाल करने के साथ-साथ खुद का भी ख्याल रखें। खुद को वो खुशियां दें, जिनकी आप हकदार हैं— चाहे वो एक किताब पढ़ना हो, संगीत सुनना हो, या अकेले कहीं घूमने जाना हो।
अपनी उपलब्धियों पर हो गर्व
बड़ी हो या छोटी, हर उपलब्धि मायने रखती है। खुद की मेहनत को पहचानें और खुद को शाबाशी दें।
जब आप खुद से प्रेम करेंगे, तब दुनिया भी आपसे प्रेम करेगी । जिस तरह किसी पौधे की जड़ें मजबूत होने पर ही वह बड़ा और हरा-भरा हो सकता है, उसी तरह जीवन में दूसरों से प्रेम पाने के लिए सबसे पहले खुद से प्रेम करना जरूरी है। जब हम खुद को स्वीकारते हैं, तो हम दूसरों से भी बिना शर्त प्रेम कर सकते हैं।
इस वैलेंटाइन, गुलाबों और गिफ्ट्स से ज्यादा जरूरी है खुद को अपनाना, खुद को प्यार करना
खुद से यह कहिए—”मैं खुद को पूरी तरह स्वीकार करता/करती हूं। मैं अपनी गलतियों से सीखता/सीखती हूं। मैं खुद से प्रेम करता/करती हूं, क्योंकि मैं इस प्रेम का हकदार हूं।”
याद रखिए, सबसे खूबसूरत प्रेम वही है, जो खुद से शुरू होता है!