उनकी शुरुआती जिंदगी गरीबी से दो-दो हाथ करते बीती। मुफलिसी इतनी कि त्योहारों में भी सूखी रोटी ही नसीब होती। कम कीमत पर खरीदे पुराने कपड़े से तन ढकने का काम चलता। उस शख़्स ने कुंडली मारकर बैठी गरीबी की रेखा को अपने जीवन की रेखा से निकाल फेंकने का प्रण किया और मन में […]