शायद ही कोई किसान हो, जो अपने बेटे को भी किसान बनाना चाहे. मौजूदा वक्त में तो ऐसी अवधारणा यह समाज कदापि स्वीकार नहीं करेगा. वह भी तब जब नेशनल सिक्योरिटी गार्ड जैसी नामचीन संस्था में कमांडो के पद पर नौकरी हो. रूतबा हो. हर महीने बैंक अकाउंट में मोटी तनख्वाह गिरती हो, तो उस नौकरी को छोड़कर खेती का रूख करना काफी हैरानी की बात है. है ना?
यह कहानी मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले मुकेश मांजू की है. जो पिछले 10 सालों से अपने 26 एकड़ खेत में Olive के साथ खजूर, अनार, मौसंबी उगाकर न केवल अच्छी कमाई कर रहे हैं, बल्कि आस-पास के किसानों को आय बढ़ाने की नई राह दिखा रहे हैं.
खेती की बदल दी पहचान
मुकेश के लिए जवान से किसान बनने की राह आसान नहीं थी. लेकिन बचपन से ही खेती के प्रति लगाव और प्रेम के कारण उन्होंने इस रास्ते को चुना. और हिंदुस्तान में एग्जोटिक फसलें उगाकर पारंपरिक खेती की पहचान बदल दी. मुकेश परंपरागत खेती से हटकर करना चाहते थे. खेती से उन्हें इतना लगाव था कि NSG में काम करते हुए जब भी मुकेश गल्फ देश जाते, वहां के किसानों से मिलकर नई तकनीक और फसलों की जानकारी लेने पहुंच जाते.
गांव वाले देते थे ताने
इतना ही नहीं छुट्टियों में भी घर आने की बजाय वह खेती की ट्रेनिंग लिया करते थे. 10 साल पहले जब उन्होंने नौकरी छोड़कर पूरी तरह से खेती से जुड़ने का मन बनाया तो परिवार ही नहीं गांववालों ने भी ताने दिए लेकिन मुकेश को यकीन था वह कुछ अलग कर रहे हैं. जिससे उनके जैसे किसानों की कमाई बढ़ाई जा सकती है.
सालाना 20 टन ओलिव का उत्पादन
आज वह मुकेश न सिर्फ ओलिव उगा रहे हैं, बल्कि इसके जैसे दूसरे कीमती फल और सब्जियों की खेती के साथ पशुपालन और एग्रो टूरिज्म भी कर रहे हैं. वह अपने खेतों से सालाना 20 टन ऑलिव का उत्पादन करते हैं जिसे वह कच्चा बेचने के साथ-साथ तेल बनाकर बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं.
जवान से किसान बने मुकेश के फार्म में लगी एग्जोटिक फल-सब्जियां देखने आज देश ही नहीं विदेश से भी मेहमान आकर ठहरते हैं. आज मुकेश सैकड़ों किसानों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं.
जानें Olive के बारे में…
ओलिव (Olive) अंग्रेजी नाम है. इस फल को हिंदी में जैतून कहते हैं. दुनिया के स्पेन, पुर्तगाल, ट्यूनीशिया, तुर्किये, यूनान, अफ्रीका, चीन, न्यूजीलैंड आदि देशों में इसकी खेती की जाती है. अमरिका के कैलिफोर्निया में भी इसका उत्पादन होता है. यह अंडे के आकार का फल होता है. हजारों सालों से जैतून का उपयोग इसके औषधीय गुण के लिए किया जा रहा है. आजकल इसे सलाद, सैंडविच, पिज्जा जैसे फूड आइटम बनाने के लिए किया जा रहा है.